उच्चारण का अर्थ है – किसी भाषा के शब्दों और ध्वनियों को सही ढंग से बोलना। हिंदी भाषा का सही उच्चारण करना आवश्यक है क्योंकि शब्दों के गलत उच्चारण से उनका अर्थ बदल सकता है और संचार में बाधा उत्पन्न होती है। हिंदी का उच्चारण मुख्यतः देवनागरी लिपि पर आधारित है और ध्वनि के अनुसार ही लिखा-बोला जाता है। 2. उच्चारण के नियम हिंदी उच्चारण के कुछ मूलभूत नियम इस प्रकार हैं – स्वर का उच्चारण स्पष्ट होना चाहिए – जैसे: अ (अनर) और आ (आम) में अंतर स्पष्ट हो। अनुस्वार (ं) का उच्चारण – अनुस्वार का उच्चारण उसके बाद आने वाले व्यंजन के वर्ग के अनुसा…
हिंदी भाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। देवनागरी लिपि ध्वन्यात्मक लिपि है, यानी जैसे उच्चारण किया जाता है, वैसे ही लिखा जाता है। हिंदी की वर्णमाला में स्वर और व्यंजन दोनों शामिल होते हैं। ये ही भाषा की नींव हैं और शब्द निर्माण का आधार बनते हैं। 1. स्वर (Vowels) स्वर वे ध्वनियाँ हैं जिन्हें उच्चारित करते समय श्वास मार्ग में कहीं अवरोध नहीं होता। हिंदी में कुल 13 स्वर माने जाते हैं। 👉 स्वर सूची : अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ = संक्षिप्त और दीर्घ स्वर ए, ऐ, ओ, औ = संयुक्त स्वर (द्वित्व स्वर) अं…
व्याकरण शब्द संस्कृत धातु “व्या + कृ” से बना है, जिसका अर्थ है – ‘विस्तार से करना’ या ‘सही रूप देना’। सरल शब्दों में, व्याकरण भाषा के सही प्रयोग का नियम है । जैसे शरीर को सही रूप देने के लिए हड्डियों का ढांचा आवश्यक है, वैसे ही भाषा को व्यवस्थित और शुद्ध बनाने के लिए व्याकरण आवश्यक है। व्याकरण का महत्व भाषा तभी सुंदर और प्रभावी होती है जब उसका प्रयोग शुद्ध और व्यवस्थित रूप से किया जाए। यदि भाषा में व्याकरण का ध्यान न रखा जाए, तो अर्थ बदल सकता है या संप्रेषण में भ्रम उत्पन्न हो सकता है। व्याकरण भाषा को सही दिशा, अनुशासन और मानक प्रदान करता ह…
हिंदी भाषा भारतीय भाषाओं में सबसे व्यापक रूप से बोली और समझी जाने वाली भाषा है। इसका स्वरूप सरल, सहज और लचीला है, जिस कारण यह अलग-अलग क्षेत्रों और वर्गों के लोगों के बीच लोकप्रिय है। हिंदी केवल संचार का माध्यम नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सभ्यता की आत्मा भी है। 1. सरलता और सहजता हिंदी की सबसे बड़ी विशेषता इसकी सरलता है। यह भाषा बोलने और समझने में सहज है। इसके शब्द प्रायः वैसे ही उच्चारित होते हैं जैसे लिखे जाते हैं, जिससे इसे सीखना आसान हो जाता है। 2. शब्द-संपन्नता हिंदी भाषा में संस्कृत, अरबी, फारसी, उर्दू, अंग्रेज़ी और कई अन्य भाषाओं …
भाषा मानव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण साधन है। यह विचारों, भावनाओं और अनुभवों की अभिव्यक्ति का माध्यम है। मनुष्य अपनी भावनाओं को दूसरों तक पहुँचाने और दूसरों की बात समझने के लिए भाषा का प्रयोग करता है। यही कारण है कि भाषा को मानव सभ्यता और संस्कृति का आधार माना गया है। भाषा का अर्थ ‘भाषा’ शब्द संस्कृत धातु “भाष्” से बना है, जिसका अर्थ है – बोलना या वाणी करना। सरल शब्दों में, भाषा वह माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करते हैं और दूसरों के विचारों को समझते हैं। भाषा केवल ध्वनियों का समूह नहीं, बल्कि यह सामाजिक व्यवहार…
भाषा मानव जीवन का सबसे बड़ा साधन है, और व्याकरण भाषा को व्यवस्थित और शुद्ध रूप से प्रयोग करने की कला है। हिंदी व्याकरण केवल नियमों का संग्रह नहीं, बल्कि यह हिंदी भाषा को समझने, लिखने, पढ़ने और बोलने की एक वैज्ञानिक पद्धति है। यदि किसी को लेखक, कवि, पत्रकार, शिक्षक या विद्यार्थी के रूप में आगे बढ़ना है तो उसे व्याकरण का ज्ञान अनिवार्य रूप से होना चाहिए। इस कोर्स के माध्यम से आप हिंदी व्याकरण की नींव से लेकर उन्नत स्तर तक की सभी बातें सीखेंगे – जैसे वर्ण, शब्द, संधि, समास, वाक्य, कारक, काल, लिंग, वचन आदि। साथ ही इसमें लेखन कौशल और व्यावहारि…
आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, माननीय शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों, आज हम सब यहाँ अपने देश का सबसे बड़ा पर्व स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। आज का दिन हमें हमारे वीर स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की याद दिलाता है। 15 अगस्त 1947 का वह ऐतिहासिक दिन, जब सदियों की गुलामी की जंजीरें टूट गईं और तिरंगा गर्व से लहराने लगा। "सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है।" हमारे देश के वीर सपूत — महात्मा गांधी, जिन्होंने सत्य और अहिंसा के बल पर आज़ादी की लड़ाई लड़ी, भगत सिंह, जिन्होंने हँसते-हँसत…
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