भाषा मानव जीवन का सबसे बड़ा साधन है, और व्याकरण भाषा को व्यवस्थित और शुद्ध रूप से प्रयोग करने की कला है।
हिंदी व्याकरण केवल नियमों का संग्रह नहीं, बल्कि यह हिंदी भाषा को समझने, लिखने, पढ़ने और बोलने की एक वैज्ञानिक पद्धति है।
यदि किसी को लेखक, कवि, पत्रकार, शिक्षक या विद्यार्थी के रूप में आगे बढ़ना है तो उसे व्याकरण का ज्ञान अनिवार्य रूप से होना चाहिए।

इस कोर्स के माध्यम से आप हिंदी व्याकरण की नींव से लेकर उन्नत स्तर तक की सभी बातें सीखेंगे – जैसे वर्ण, शब्द, संधि, समास, वाक्य, कारक, काल, लिंग, वचन आदि। साथ ही इसमें लेखन कौशल और व्यावहारिक उपयोग पर भी ध्यान दिया गया है, ताकि विद्यार्थी केवल नियम न जानें, बल्कि उन्हें अपने लेखन और बोलचाल में आत्मसात कर सकें।


मॉड्यूल 1 – भाषा और व्याकरण की नींव

  1. भाषा का अर्थ और परिभाषा

  2. हिंदी भाषा की विशेषताएँ

  3. व्याकरण का अर्थ, महत्व और उपयोगिता

  4. हिंदी वर्णमाला – स्वर और व्यंजन

  5. उच्चारण और वर्तनी नियम


मॉड्यूल 2 – शब्द और शब्दभेद

  1. शब्द की परिभाषा और प्रकार

  2. संज्ञा (परिभाषा, भेद, उदाहरण)

  3. सर्वनाम (प्रकार और प्रयोग)

  4. विशेषण (गुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक आदि)

  5. क्रिया (सकर्मक, अकर्मक, भाववाचक)

  6. क्रियाविशेषण

  7. अव्यय, समुच्चयबोधक, संबंधबोधक


मॉड्यूल 3 – संधि और समास

  1. संधि का अर्थ और भेद (स्वर, व्यंजन, विसर्ग संधि)

  2. संधि-विच्छेद के नियम

  3. समास – परिभाषा और भेद (द्वंद्व, तत्पुरुष, बहुव्रीहि, अव्ययीभाव आदि)

  4. समास का विग्रह और प्रयोग


मॉड्यूल 4 – शब्द-रचना और उपसर्ग-प्रत्यय

  1. उपसर्ग – परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

  2. प्रत्यय – परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

  3. शब्द निर्माण की प्रक्रिया

  4. तत्सम, तद्भव, देशज और विदेशी शब्द


मॉड्यूल 5 – वाक्य और वाक्य संरचना

  1. वाक्य की परिभाषा और विशेषताएँ

  2. वाक्य के भेद (घोषणात्मक, प्रश्नवाचक, आज्ञावाचक आदि)

  3. वाक्य-विन्यास (शब्दों का क्रम)

  4. वाक्य और विचार अभिव्यक्ति


मॉड्यूल 6 – कारक और विभक्ति

  1. कारक की परिभाषा और प्रकार (कर्ता, कर्म, करण, संबंध आदि)

  2. विभक्ति चिह्न और उनका प्रयोग

  3. कारक और वाक्य में उनका स्थान


मॉड्यूल 7 – काल, वचन और लिंग

  1. लिंग (पुल्लिंग, स्त्रीलिंग, नपुंसकलिंग)

  2. वचन (एकवचन, बहुवचन)

  3. काल (वर्तमान, भूत, भविष्यत्)

  4. काल-रूप और क्रिया का मेल


मॉड्यूल 8 – वाक्य अशुद्धियाँ और शुद्धि

  1. वाक्य दोष (अर्थदोष, वर्तनी दोष, व्याकरण दोष)

  2. वाक्य सुधारने के नियम

  3. सामान्य शुद्ध लेखन अभ्यास


मॉड्यूल 9 – अलंकार और छंद का परिचय

  1. अलंकार – अर्थ और प्रकार (शब्दालंकार, अर्थालंकार)

  2. रस और उसकी विशेषताएँ

  3. छंद और मात्राएँ

  4. सरल काव्य विश्लेषण


मॉड्यूल 10 – व्यावहारिक व्याकरण और लेखन कौशल

  1. पत्र लेखन (औपचारिक और अनौपचारिक)

  2. निबंध लेखन

  3. संवाद लेखन

  4. समाचार और रिपोर्ट लेखन

  5. व्याकरणिक दृष्टि से शुद्ध रचना अभ्यास

 

हिंदी व्याकरण का अध्ययन केवल परीक्षा पास करने के लिए नहीं, बल्कि भाषा को शुद्ध, सरल और प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक है।
सही व्याकरण के बिना न तो साहित्य की सुंदरता उभरती है और न ही विचारों की स्पष्टता।

👉 इस कोर्स से गुजरने के बाद आप न केवल व्याकरण के नियमों को समझेंगे, बल्कि उन्हें अपने लेखन, भाषण और दैनिक जीवन में सहज रूप से प्रयोग भी कर पाएंगे।

✍️ निर्मा प्रकाशन – हिंदी भाषा और साहित्य को सरल, सुगम और व्यावहारिक रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास।